● मेटावर्ष , क्या आने वाले दिनों में हम रोबोट बन जाएंगे .
तो दोस्तों जैसा कि तुम सब जानते ही होंगे कि आज हम इस दुनिया में रह रहे हैं . वह हमारी पिछली दुनिया या फिर दादाओ के दुनिया या फिर पापाओ के दुनिया से बहुत ज्यादा अलग है . क्योंकि फ्रेंड्स अगर तू एक बार को अपने दादा जी आपके पापा से पूछोगे कि वह छोटे थे वह कौन सा खेल खेला करते थे . या फिर वह किस तरह से अपने खाली समय का उपयोग करते थे या फिर खाली समय में ऐसा क्या करते थे जो उन्हें मन लगा दे .
तू फ्रेंड तुम्हें जानने को मिलेगा कि वह अपने खाली समय में ज्यादातर शारीरिक कसरत करते थे या फिर शारीरिक खेलकूद खेला करते थे . क्योंकि दोस्तों उस जमाने में ऐसे कोई डिजिटल प्रोडक्ट नहीं हुआ करते थे जिसकी मदद से वह अपने खाली समय का उपयोग कर सके इन डिजिटल प्रोडक्ट के साथ . और हां तुम्हें यह बता दो कि प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के बहुत बड़े रिसर्च ने हाल ही में अपने पब्लिश किए गए रिसर्च पेपर में यह बताया है कि उन जमाने में शारीरिक खेलकूद और कसरत से जो फिजिकल फिटनेस बच्चों में डिवेलप हुआ करते थे वह अब इन डिजिटल प्रोडक्ट ने बांध के रख दिया है .
पर इसके साथ-साथ उन्होंने यह बताया है कि इन डिजिटल प्रोडक्ट की मदद से इंसानी दिमाग में बहुत ज्यादा सक्रियता बढ़ गई है . जी हां फ्रेंड्स पिछली सदी के मुकाबले चीज करती से हमारे दिमाग की कोशिकाएं पड़ रही है और साथ ही इनके छोटी उम्र में बहुत ज्यादा कार्य करने की क्षमता भी बढ़ चुकी है . बसंती हमें इन चीजों को अच्छी तरह से इस्तेमाल करना है बस तभी जाकर हम इस थिएटर प्रोडक्ट का इस्तेमाल अपने मेंटल चीजों को ज्यादा कार्य वर्धक बना सकते हैं .
● आखिर में मेटावर्ष से हमारी पिछली सदी और आने वाली सदी में क्या कुछ अलग देखने को मिलेगा .
यूं तो नवाबों हम सब वैसे सदी में जन्मे है जो एक बहुत बड़ी छलांग लगा रहा है डिजिटलाइजेशन की युग में . क्योंकि अभी भी बहुत सारे अनछुए गांव है जहां इंटरनेट अभी अच्छी तरीके से पहुंचा भी नहीं है . वहीं कुछ बड़े शहरों की बात करें तो वहां ऐसे चमकदार शब्द मेटावर्ष सुनने को मिल रहे हैं जो हमारी जानने की इच्छा को उत्तेजित कर देता है .
पर दोस्तों एक बात तो साफ है कि हमारे बहुत सारे फिजिकल एक्टिविटी अब मेंटल और डिजिटल एक्टिविटी में बदल चुके हैं . और हां इससे इनकार तुम भी नहीं कर सकते हो क्योंकि इन 10 साल के दरमियान तुम अपने आप को ही देख लो . कैसे पहले कबड्डी , लुक्का चुप्पी , चेंज चोर , बर्फ पानी जैसे खेलों में मन लगाने वाला बच्चा अब कहीं फ्री फायर , पब्जी जैसे गलियों में घूम रहा है .
▪︎ मेटावर्ष पहले और बाद के बीच की दुनिया
और शायद यह हमारी गलती भी नहीं है क्योंकि जिस डिजिटल गति से हम आगे बढ़ रहे हैं वैसे अगर हम इन चीजों की प्रभाव को छोड़ ना दें तो यह हमारी गलती नहीं है क्योंकि यह एक तरह से हमारी आने वाली जिंदगी की राह बना रहा है . क्योंकि दोस्तों तुम चीज प्रकार यहां गेम्स में अपने अवतार को देखते हो उसी तरह का अवतार तुम्हें अपने मेटा वर्ष में भी देखने को मिलेगा . अच्छा रुको अगर तुम्हें यह अवतार का मतलब समझ में नहीं आ रहा है तो तुम हमारे आर्टिकल को आगे पढ़ो तुम्हें यह सारी चीजें आराम से क्लियर हो जाएगी .
▪︎ डिजिटलाइजेशन की बढ़ती सीढ़ी है मिटावर्ष .
वैसे तो हमने सीढ़ी पर चढ़कर बहुत सारी मंजिले को पार किया है . और कई बार हमारे घर के बड़े बुजुर्ग कहते हैं की सीढ़ी की रफ्तार से चल हो तो तुम जल्दी और कहीं से भी आसानी से पहुंच जाओगे और यही सीढ़ी तुम्हारे इस मैटर वर्ष की खैनी में तुम्हें सिखाती है कि कैसे डिजिटलाइजेशन एक नन्हीं फिजिकल प्रोडक्ट को डिटेल प्रोडक्ट में कन्वर्ट कर रहा है .
अगर बात करें हैं सन 2000 की तो उस समय हम टीवी को शुरू शुरू में एक बहुत कमाल का गैजेट सोचा करते थे . क्योंकि कैसे एक डब्बे में हमें पूरी दुनिया की खबर और बहुत सारे अमेजिंग लोग देखने को मिल जाते थे . ओल्ड फिल्म कुछ टाइम बाद हमें सीरियल के रूप में बहुत सारे कॉमेडी शो देखने को मिले , जैसे कि शक्तिमान , शाका लका बूम बूम . और इन दिनों बहुत सारी फिल्में भी आने लगे थे जिसने बहुत अमेजिंग तरह के एक्शन देखने को मिला करते थे . और दोस्तों ईसीसीटी की बात नहीं कर रहा हूं क्योंकि कैसे एक रेडियो टेलीविजन में बदल गया और टेलीविजन आज मोबाइल में और कुछ दिनों बाद यही मेटावर्ष तुम्हारे जिंदगी को बदल कर रख देगा .
▪︎ मेटावर्ष आखिर है क्या ? क्या हम उसे छू सकते हैं महसूस कर सकते हैं .
दोस्तों मेटावर्ष एक वर्चुअल दुनिया है जहां सभी चीज एक डिजिटल वे में बनकर हमारे सामने रखी जाएगी . जैसा कि हमने पहले फिल्मों की बात की और उसके बाद आता है एक कार्टून फॉरमैट . एंड फिल्मों के बाद कार्टून का जन्म हुआ और इन कार्टून में जो कैरेक्टर ( डोरेमोन , छोटा भीम , मोटू पतलू ) इन्हीं को हम अवतार कहते हैं .
और आने वाले दिनों में हम जो चीज अभी इन फिजिकल वर्ल्ड में कर रहे हैं . वह सारी चीज हम अपने डिजिटल वर्ल्ड में इन्हीं अवतार की मदद से किया करेंगे . और इन सभी चीजों से तुम्हें एक बात तो साफ हो गया कि हम अपनी वर्चुअल वर्ल्ड में बहुत सारी चीजों को महसूस करने के साथ उन्हें जो भी सकते हैं और वह छूना और महसूस करना एकदम रियल होगा जैसे कि हम फिजिकल वर्ल्ड में अभी कर रहे हैं .
▪︎ और क्या कुछ कर सकते हैं आने वाले दिनों में हम मेटावर्ष की मदद से
दोस्तों जैसा कि तुम सब जानते ही हो कि डिजिटल प्रोडक्ट की बढ़ती इस्तेमाल से हम अपनी फिजिकल वर्ल्ड से बहुत कम कनेक्ट हो पा रहे हैं . क्योंकि तुमने अपना सोच किया होगा कि जब तुम्हारे हाथ में मोबाइल होता है तो तुम अपने घर में आए हुए मेहमान या फिर फ्रेंड से इतना बात नहीं करते हो . जितने तुम मोबाइल में टाइम बिता लो और हां अगर वह मेहमान ना हो तब भी तुम्हें उतना फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि तब मैं तो मोबाइल में बहुत सारी चीज है ऐसे कर सकते हो जिससे तुम्हें मन लग जाए .
और यहीं से तुम अंदाजा लगा सकते हो कि अगर एक डिजिटल दुनिया ही तुम्हारे सामने आ जाए तो तुम बहुत सारी ऐसी चीज कर सकती हो जो तो सर्जिकल दुनिया में करने के लिए तुम्हें बहुत ज्यादा टाइम लगेगा . जैसे कि तुम कहीं भी दूर कर सकते हो बड़ी आसानी से इस डिजिटल दुनिया में . साथ ही अभी तू इस डिजिटल दुनिया की शुरुआत भी-आर ( वर्चुअल रियलिटी ) से शुरू चुकी है . पर यह तो अभी कुछ भी नहीं अभी बहुत कुछ देखने को बाकी है .
और हां अगर तुम को और ज्यादा इंटरेस्ट है इसमें मेटावर्ष में तो तुम हमारी दूसरे आर्टिकल को पढ़ सकते हो यहां पर क्लिक करके . क्योंकि यहां पर मैंने बताया है तुमको कि कैसे वर्चुअल दुनिया में बिजनेस किया जाएगा , लोग कैसे घूमेंगे वर्चुअल दुनिया में और भी बहुत कुछ